दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा किया
व्याख्या – गुरुदेव जैसे शिष्य की धृष्टता आदि का ध्यान नहीं रखते और उसके कल्याण में ही लगे रहते हैं [ जैसे काकभुशुण्डि के गुरु], उसी प्रकार आप भी मेरे ऊपर गुरुदेव की ही भाँति कृपा करें ‘प्रभु मेरे अवगुन चित न धरो।’
व्याख्या – मनरूपी दर्पण में शब्द–स्पर्श–रूप–रस–गन्धरूपी विषयों की पाँच पतवाली जो काई (मैल) चढ़ी हुई है वह साधारण रज से साफ होने वाली नहीं है। अतः इसे स्वच्छ करने के लिये ‘श्रीगुरु चरन सरोज रज’ की आवश्यकता पड़ती है। साक्षात् भगवान् शंकर ही यहाँ गुरु–स्वरूप में वर्णित हैं–‘गुरुं शङ्कररूपिणम् ।‘ भगवान् शंकर की कृपा से ही रघुवर के सुयश का वर्णन करना सम्भव है।
राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१६॥ तुह्मरो मन्त्र बिभीषन माना ।
They obtain every thing except a single fragment of his jawbone. His terrific-grandfather on his mom's side then asks Surya to revive the child to lifestyle. Surya returns him to existence, but Hanuman is still left which has a disfigured jaw.[fifty one] Hanuman is claimed to possess invested his childhood in Kishkindha.
लङ्केस्वर भए सब जग जाना ॥१७॥ जुग सहस्र जोजन पर भानु ।
व्याख्या– ‘पिताँ दीन्ह मोहि कानन राजू‘ के अनुसार श्री रामचन्द्र जी वन के राजा हैं और मुनिवेश में हैं। वन में श्री हनुमान जी ही राम के निकटतम अनुचर हैं। इस कारण समस्त कार्यों को सुन्दर ढंग से सम्पादन करने का श्रेय उन्हीं को है।
भावार्थ – आप प्रभु श्री राघवेन्द्र का चरित्र (उनकी पवित्र मंगलमयी कथा) सुनने के लिये सदा लालायित और उत्सुक (कथारस के आनन्द में निमग्न) रहते हैं। श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता जी सदा आपके हृदय में विराजमान रहते हैं।
As more info the mistake was accomplished through the god Indra, he grants Hanuman a wish that his overall body could well be as sturdy as Indra's Vajra, and that his Vajra also can not hurt him. Coupled with Indra other gods have also granted him needs: the God Agni granted Hanuman a wish that fire will not damage him; God Varuna granted a desire for Hanuman that drinking water will never harm him; God Vayu granted a wish for Hanuman that he will probably be as rapidly as wind and the wind will not likely damage him. Brahma also granted Hanuman a desire that he can go to anyplace exactly where he can not be stopped. Hence these wishes make Hanuman an immortal, who has distinctive powers and strength.[fifty]
व्याख्या— रुद्रावतार होने के कारण समस्त प्रकार की सिद्धियाँ एवं निधियाँ श्री हनुमान जी को जन्म से ही प्राप्त थीं। उन सिद्धियों एवं निधियों को दूसरों को प्रदान करने की शक्ति माँ जानकी के आशीर्वाद से प्राप्त हुई।
For those who have far more time then You may as well chant Hanuman Chalisa 108 situations, and that is mentioned to bring rapid success, if finished faithfully and with purity of your thoughts.
नारद सारद सहित अहीसा ॥१४॥ जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।
Do not miss out on the most up-to-date insights. Enroll now to acquire access to the library of associates-only content articles.
भावार्थ – तपस्वी राम सारे संसार के राजा हैं। [ऐसे सर्वसमर्थ] प्रभु के समस्त कार्यों को आपने ही पूरा किया।